घोड़े की नाल एक विशिष्ट प्रकार का धातु होता है जो अक्सर घोड़े के पैरों के नीचे लगाया जाता है। यह धातु प्रकार मेटल में बनाया जाता है और इसका उपयोग कई तरह के उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
1. शनि दोष निवारण के लिए: काला रंग और लोहा धातु शनि के प्रतीक हैं। इसलिए घोड़े की नाल को शनि दोष निवारण के लिए उपयुक्त माना गया है।
2. शनि की साढ़ेसाती होने पर: जिन व्यक्तियों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो, उन्हें अपने घर के मुख्य द्वार पर काले घोड़े की नाल अवश्य लगानी चाहिए।
3. बुरी नज़र से बचाव: घोड़े की नाल के एक स्लाइस को किसी तार या सूत्र में बांधकर या घर के प्रवेश द्वार पर लगाकर बुरी नज़र से बचा जा सकता है।
4. धन संबंधी समस्याओं का समाधान: धन संबंधी समस्याओं के लिए, घोड़े की नाल को धन क्षेत्र में रखा जा सकता है। यह आपके धन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है।
5. वास्तु दोष दूर करने के लिए: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घोड़े की नाल को घर के अलग-अलग क्षेत्रों में रखा जा सकता है जो वास्तु दोषों का कारण बनते हैं।
6. बुरी आत्माओं से बचाव: घोड़े की नाल के दोनों सिरों को यदि नीचे की तरफ करके लगाया जाए, तो इससे बुरी आत्माओं, नजर दोष और नकारात्मक ऊर्जा से घर एवं कार्यालय की रक्षा होती है।
7. धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए: अन्य टोटकों के अलावा, घोड़े की नाल को धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए उपयोग किया जाता है। इसे अपने व्यापार या कार्यालय में रखा जा सकता है ताकि सफलता और समृद्धि आपके पास आ सके।
8. शुभ घड़ी के लिए: कुछ लोग घोड़े की नाल को शुभ घड़ी के लिए उपयोग करते हैं। इसे किसी शुभ मुहूर्त में अपने घर में लगाने से किसी भी प्रकार की मुश्किलों से बचा जा सकता है।
9. नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने के लिए: घोड़े की नाल को नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह उस ऊर्जा को दूर करने में मदद कर सकता है जो किसी व्यक्ति या उसके घर में दुख का कारण बनती है
10. घर के लिए सुरक्षा कवच: यदि नाल के दोनों सिरे ऊपर की ओर करके लगाए जाएं, तो यह घर के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है।
घोड़े की नाल का प्रयोग करते समय निम्न बातों का ध्यान रखें:-
1. घर में घोड़े की नाल स्थापित कर देने के बाद इसकी पूजा भी जरूरी है। विभिन्न पर्वों पर उस पर सिंदूर चढ़ाना चाहिए। विशेषकर ग्रहण काल में, शनि जयंती पर, होली और दिवाली को सिंदूर अवश्य चढ़ाएं। इससे तांत्रिक क्रियाओं का असर नहीं होता।
2. एक नाल का प्रयोग एक बार ही करना है। यदि किसी नाल को मुख्य दरवाजे पर लगा दिया हो तो उसे फिर दूसरे स्थान पर प्रयोग करने के लिए उखाड़ना नहीं चाहिए। नए स्थान के लिए नयी नाल आमंत्रित करवाएं।
श्रोत:- सुखी जीवन के सरल उपाय से